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Raigarh Express, news of raigarh chhattisgarh

Thursday, June 01, 2023
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गर्मी ने कम नहीं किया बच्चों का जोश, 140 बच्चे ले रहे बास्केटबॉल ट्रेनिंग
समर कैंप के बास्केटबॉल में बच्चे ले रहे ज्यादा रूचि
हमारे बच्चे
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साढ़े 4 साल में कितना बदल गए ओपी चौधरी !
राजनीति
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कागजों में स्वावलंबी होते रायगढ़ के गोठान
राजनीति
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विवादित अधिकारियों पर कार्रवाई की जगह प्रश्रय दे रहा कृषि विभाग
आसपास
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फ्लाईऐश एवं ओव्हर लोड स्पीड वाहनों पर लगाएं प्रतिबंध
आसपास
विवादित अधिकारियों पर कार्रवाई की जगह प्रश्रय दे रहा कृषि विभाग
ट्रांसफर के बाद भी जमें हैं कृषि विभाग में अधिकारी
फ्लाईऐश एवं ओव्हर लोड स्पीड वाहनों पर लगाएं प्रतिबंध
रेंगालपाली के क्षेत्रवासियों ने की कलेक्टर से शिकायत, आरटीओ उडऩदस्ता पर ग्रामीणों ने लगाये गंभीर आरोप
केलो नहर को लेकर प्रशासन उतावला, ग्रामीणों को किया गिरफ्तार
रविवार शाम को ग्रामीणों ने की थी मंत्री उमेश पटेल से मुलाकात, सोमवार तडक़े ही हो गई कार्रवाई
क्या नपेंगे सहकारिता विभाग के उप पंजीयक? निरीक्षकों ने भी किया बेड़ागर्क!
सहकारिता विभाग की महिला कर्मचारियों के खिलाफ भी मुखर हुए समिति प्रबंधक
साढ़े 4 साल में कितना बदल गए ओपी चौधरी !
छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ के शराब घोटाले को आधार बनाकर भाजपा प्रदेश महामंत्री ओपी चौधरी ने राज्य सरकार को घेरा है। कांग्रेस भले ही इसे आधारहीन बताए पर शराब व्यवसाय से जुड़े लोग और शराबी जन 2019 से शराब की क्वालिटी और उपलब्धता पर सवाल उठाते रहे हैं। बीते साढ़े 4 साल में ओपी ने प्रदेश स्तर पर सरकार की नीतियों की खुलकर आलोचना करने से लेकर आगे आकर विरोध प्रदर्शन में भाग लिया है फिर चाहे वह बस्तर हो या सरगुजा। वह सुलभ हैं, आप उनसे कभी भी मुलाकात कर सकते हैं। साढ़े चार साल पहले जब वह अपना पहला चुनाव हारे थे तब उनको लेकर कई तरह के सवाल उठाए गए थे। ओपी चुप रहे, सर से भैया का सफर तभी तय हो चुका था अब समय था तो हर जगह स्वीकार्यता की जिसको उन्होंने अपने बूते बनाया। एक वह भी समय था जब रायगढ़ समेत खरसिया के राजनीतिक सेठों की कुर्सियां हिल गईं थी कि कोई बड़ी पैठ वाला अघरिया उनकी पार्टी में आएगा तो उनका वर्चस्व खत्म हो जाएगा, अभी तक जो निवेश किया है उसका फल कैसे मिलेगा? पुरजोर कोशिश भी की गई कि ओपी उनपर हावी न हों। ओपी समेत भाजपा के नेता जानते हैं कि बीते चुनाव उनकी जड़ पर मट्ठा किसने डाला। नतीजा, बिना किसी शोरगुल के ओपी ने संगठन में अपनी पैठ बना ली है। सेठ खुदई अपना रास्ता नाप लिए। आधे दर्जन से अधिक गुट में बंटे रायगढ़ भाजपा के हर गुट में ओपी की स्वीकार्यता है क्योंकि सब ओपी की वैल्यू जानते हैं। ओपी खरसिया से चुनाव लड़ेंगे या नहीं, चंद्रपुर सेफ होगी, डभरा बुरा नहीं है जैसी कभी भी चर्चा शुरू हो जाती है और अपने-अपने हिसाब से कयास सब लगाते हैं। राजनीति में कुछ भी निश्चित नहीं और न ही कोई भविष्यवाणी संभव। चाय वाले से लेकर नाऊ के पास किसी भी जानकार कार्यकर्ता व खबरनवीस से कमतर जानकारी नही होती। वर्तमान में ओपी का कद देखें तो वह प्रदेश भाजपा के केंद्र में हैं और केंद्र के चहेते। उनके करीबियों की मानें तो चुनाव की तैयारियों में उन्होंने खुद को झोंक दिया है। सभा, आयोजन और बैठक के बाद देर रात से अलसुबह योजना, क्रियान्वयन, डेटा व रणनीति बनाते हैं। ओपी की निगाह प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर हैं उन्हें एक सीट के मोह में बांधना मूर्खता होगी। qqq सेकंड लाइन से जूझती भाजपा-कांग्रेस फिलवक्त ओपी चौधरी को देखें तो समझ आता है कि वही अभी प्रदेश बीजेपी का बड़ा चेहरा हैं बस्तर से लेकर सरगुजा हर जगह उनकी डिमांड हैं जब वह किसी प्रदर्शन या कार्यक्रम में शामिल होते हैं तो उसकी महत्ता और बढ़ जाती है। कांग्रेस भले ही इसे खारिज करे पर सच्चाई को जितनी जल्दी स्वीकार कर अपनी रणनीति तय करे बेहतर है। प्रदेश की राजनीति में वही घिसे-पिटे चेहरे दोनों ही पार्टियों में है दूसरी पंक्ति में बड़े नाम है ही नहीं या फिर यूं कहें 15 साल सत्ता सुख भोगी बीजेपी और इतने ही दिन विपक्ष में रही कांग्रेस ने बनाया ही नहीं। बीजेपी में केदार कश्यप और महेश गागड़ा तो अपने ही क्षेत्र में नहीं दिखते तो राज्य की बात बेमानी है। बहुत संभव है कि ओपी आने वाले समय में सूबे के मुखिया बने। वह युवा है, अनुभवी हैं और सबसे बड़ी बात भारतीय प्रशासनिक सेवा में रह चुके हैं उन्हें खारिज करना इतना आसान नहीं होगा। ओपी के अपने कई मित्र-सीनियर-जूनियर अभी भी सेवा में हैं। आप कहीं भी रहें दोस्त का साथ प्रत्यक्ष-परोक्ष रूप से आपको मिलता ही है यहीं पर बाकी के नेता ओपी से गच्चा खा जाते हैं। भाजपा में अभी जहां खुद के लोगों से द्वंद चल रहा है वहां सीएम फेस को लेकर अस्पष्टता अवश्यसंभावी है। पर इतना तो तय है कि रायगढ़िया सीएम कोई बना तो ओपी से बेहतर और कोई नहीं हो सकता।
कागजों में स्वावलंबी होते रायगढ़ के गोठान
जिन गोठानों में गाय और कंपोस्ट नहीं वे भी स्वावलंबी, 388 गोठानों में से 155 गोठानों में पानी नहीं, 209 गोठानों को किया स्वावलंबी घोषित
प्रकाश नायक रायगढ़ विधान सभा के इतिहास में सबसे निष्क्रिय विधायक : विवेक रंजन सिन्हा
भाजपा नेता सिन्हा ने रायगढ़ विधायक पर उठाए कई सवाल, कहा-प्रकाश नायक बताए बजट में रायगढ़ को क्या मिला
आखिर कहां हैं प्रकाश नायक ? लापता विधायक को जनता खोज रही है - विवेक रंजन सिन्हा
विकास कार्य को अंजाम देने में विफल प्रकाश नायक क्या अब जनता से लुकते -छिपते फिर रहे है
किसी भी आपात स्थिति से निबटने स्वास्थ्य अमला पूरी तरह से तैयार: सीएमएचओ डॉ. केशरी
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन का स्वास्थ्य सेवाएँ पहुंचाने पर जोर*
रायगढ़ में मूसलाधार बारिश की संभावना
बारिश से महानदी में बढ़ा जलस्तर, रायगढ़ जिला प्रशासन अलर्ट
आने वाले तीन दिनों में भारी बारिश की चेतावनी
मॉनसून का पहला ऑरेंज अलर्ट
27% कम गिरा पानी, अब रफ्तार पकड़ भरपाई की आशा
कल भी बने बारिश के आसार
गर्मी ने कम नहीं किया बच्चों का जोश, 140 बच्चे ले रहे बास्केटबॉल ट्रेनिंग
समर कैंप के बास्केटबॉल में बच्चे ले रहे ज्यादा रूचि
कार्डिनल कप सीजन 6 : भिलाई की कुम्हली ने रायगढ़ की आरआर गोल्ड को हराया
सांसद गोमती साय ने बढ़ाया खिलाड़ियों का मनोबल
कार्डिनल रोटी बैंक मना रहा हर घर मुस्कान वाली दिवाली
2 साल से बचे हुए खाने को जरूरमंदों में बांटता है कार्डिनल रोटी बैंक
जो रायगढ़ चाहता है उसे सरकार क्यों नहीं चाहती
परिवार समेत शहीद हुए कर्नल विप्लव त्रिपाठी कहीं भुला तो नहीं दिये जाएंगे
सारंगढ़ के जंगल मे जे.जे.बंगला और गुमर्डा बनने की कहानी
वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम बनने के बाद गुमर्डा आकार लेने वाला भारत का सबसे पहला अभयारण्य
टिटलागढ़ की झुग्गी से निकला था भारत की टेलीफ़ोन क्रांति का जनक
सैम पित्रोदा की अनसुनी कहानी डॉ. परिवेश मिश्रा की डायरी से
हिंडाल्को का प्रयास: हरियाली वाड़ी परियोजना से खिले किसानों के चेहरे
तमनार प्रखंड के 11 गांव के 1500 किसानों को मिल रहा लाभ
शहर के लिए लिखने वाले प्रभात को शहर ने दिया भरपूर प्यार : नंद किशोर आचार्य
प्रभात त्रिपाठी के काव्य पाठ से साहित्य अकादमी का कार्यक्रम संपन्न
निरंकुश हुआ आर्थिक भ्रष्टाचार का गढ़ सहकारिता विभाग
सहकारिता निरीक्षकों पर जबरन वसूली और अधिकारियों पर कमीशन लेने का आरोप
घर-घर तिरंगा के बाद, घर-घर हिन्दी
एशिया के 48 देशों में भारत को छोड़कर अंग्रेजी किसी भी देश की मुख्य भाषा नहीं है
केन्द्र के बिजली महोत्सव को रायगढ़ में लगा झटका!
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत गुरूवार को नगर निगम के लखटकिया ऑडिटोरियम में पूरे ताम-झाम के साथ बिजली विभाग और एनटीपीसी ने बिजली महोत्सव का आयोजन किया। पूरे देश में उज्जवल भारत-उज्जवल भविष्य पावर एट 2047 महोत्सव मनाया जा रहा है ताकि अधिक से अधिक जन भागीदारी हो और बिजली के क्षेत्र में हुए विकास को बड़े पैमाने पर लोगों तक पहुंचाया जा सके, लेकिन इस कार्यक्रम के बारे में न तो लोगों को जानकारी थी और न ही मीडिया बिरादरी को। सब कुछ एकदम गुपचुप तरीके से हुआ। मौके पर मौजूद बिजली विभाग के अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की, कि जानबूझ कर इतने वृहद कार्यक्रम को लो रखा गया। यहां लो का मतलब है कि जानकर प्रचार नहीं करना। चूंकि कार्यक्रम भाजपा शासित केन्द्र सरकार का है और राज्य में कांग्रेस की सरकार। जाहिर है राजनीति तो होगी ही। केन्द्र की ओर से जारी किये गये बैनर, पोस्टर, फ्लेक्स में से केन्द्रीय नेतृत्व का हर चेहरा गायब था और सूबे के मुखिया का हंसता हुआ नूरानी चेहरा कई पोस्टरों में दिखलाई दे रहा था। कार्यक्रम तय समय से 1 घंटे देर से शुरू हुआ। कार्यक्रम में मौजूद लोग जबरदस्ती बुलाये हुए से प्रतीत हो रहे थे। मंच में फूलों की ऐसी सजावट की गई थी मानों किसी बड़े धनाड्य सेठ के बेटे की शादी हो। फुल साईज का एलईडी डिस्प्ले भी मौजूद था और जो मौजूद नहीं थे वे थे जागरूक और स्थानीय लोग। कार्यक्रम को लेकर राजनीति की बू बुधवार रात से ही आने लगी थी जब बिजली विभाग के अधिकारी गुपचुप तरीके से छपे आमंत्रण पत्र को सोशल मीडिया पर शेयर कर चुनिंदा लोगों को आमंत्रित करने की कूटरचना करने में जुट गये जबकि इतने बड़े ऑडिटोरियम, इतना महंगा इंतेजाम और राष्ट्रीय कार्यक्रम को लेकर माहौल तो कई दिनों पहले से ही तैयार हो जाता है। छोटे से कार्यक्रम को लेकर शो-ऑफ करने वाला विभाग जिसमें एनटीपीसी भी शामिल है। एक पौधा भी रोप देता है तो खूब प्रचार करता है, लेकिन यहां वह राजनीतिक दबाव के आगे अपने घुटने टेक देता है। मजे की बात यह है कि इसमें भाजपा के लोगों को जानकर नहीं आमंत्रित किया गया था। हरेली की भीड़ और छुट्टी का फायदा इस महोत्सव को मिल गया।
थप्पड़ मारने से स्कूल का गुस्सा ठंडा नहीं होता
निजी स्कूल के शिक्षकों का शोषण,तनख्वाह कम और काम ज्यादा, प्रबंधन का बुरा बर्ताव
कलेक्टर भीम सिंह ने भारी बारिश के बीच संभाला मोर्चा, देखें तस्वीरें
निगम अमला बीती रात से आयुक्त के साथ पूरे शहर में डटा हुआ है
तस्वीरों में देखें रायगढ़ में जनता कर्फ्यू का असर
22 मार्च यानी रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर जिले में भी जनता कर्फ्यू का असर देखने को मिला। दोपहर तक पूरा शहर स्वस्फूर्त बंद था। हर मुख्य मार्ग और बाजार बंद मिले। गली-कूचे तक कोई व्यक्ति बाहर नहीं निकला।
हरि बोल, जय जगन्नाथ के उद्घोष के साथ निकली रथयात्रा, देखें गैलरी
रायगढ़ में दो दिनों की रथयात्रा आयोजित होती रही है। इसी क्रम में आज रथ द्वितिया के दिन शहर के प्राचीन जगन्नाथ मंदिर से भगवान श्री को विधिविधान पूर्वक पूजा अर्चना पश्चात मंदिर के गर्भगृह तथा मंदिर परिसर से जय जगन्नाथ के जयघोष और घंट शंख ध्वनि के बीच ससम्मान बाहर निकाला गया। राजापारा स्थित प्रांगढ़ में मेले सा माहौल था और हजारो की संख्या में श्रद्धालु भक्तगण भगवान श्री के दर्शन करने के लिए पहुंचे हुए थे। इससे पहले कल भगवान जगन्नाथ की विधि विधान से पूजा की गई जिसे फोटोग्राफर वेदव्यास गुप्ता ने अपने कैमरे में कैद किया।
इप्टा रायगढ़ के 25वें राष्ट्रीय नाट्य समारोह एवं फिल्म फेस्टिवल की झलकियां
27 से 31 जनवरी तक पॉलिटेक्निक ऑडिटोरिम में इप्टा रायगढ़ द्वारा 25वां राष्ट्रीय नाट्य समारोह एवं फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया गया। जिसमें चार नाटक एवं दो फीचर फिल्में दिखाई गईं। समारोह की शुरुआत रायपुर के मशहूर रंगकर्मी मिर्जा मसूद को 10वां शरदचंद्र वैरागकर अवार्ड देकर की गई। यह कूवत सिर्फ रंगमंच रखता है जो वर्तमान सत्ता के मठाधीशों पर अजब मदारी गजब तमाशा नाटक के माध्यम से सीधे कटाक्ष कर सकता है। जहां एक मदारी को राजा बना दिया जाता है, शब्दों के अस्तित्व को खत्म कर दिया जाता है। बंदर राष्ट्रीय पशु बन जाता है। गांधी चौक नाटक में गांधीजी की प्रतिमा स्वयं यह चलकर वहां से हट जाती है कि जब रक्षक की भक्षक बन गए तो कोई क्या कर सकता है। नोटबंदी और जीएसटी पर गांव वाले सीधे प्रहार करते हैं। सुबह होने वाली है की लेखी अभिव्यक्ति की आज़ादी पर प्रतिबंध होने के बाद लोगों को जागरूक करने को किताब लिखती और किताब को ही फांसी हो जाती है। बोल की लब आजाद हैं तेरे लोगों को दर्शकदीर्घा में झकघोर के रख देती है। तुरूप और भूलन जैसी फिल्में लोगों के मनोरंजन के अलावा दमदार संदेश भी देती है। तो देखें इस शानदार नाट्य समारोह एवं फिल्म फेस्टिवल की कुछ झलकियां
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